गांधी ग्लोबल फेमिली ने बुरहानपुर मे प्रसिध्द गांधी वादी पुज्य निर्मला देशपान्डे की जयन्ती मनाई

TAFAZZUL HUSAIN MULAYAMWALA

October 18, 2024

बुरहानपुर के गांधीजनो ने प्रसिद्ध गांधीवादी संत आचार्य विनोबा भावे की मानस पुत्री भारत सरकार से पदम विभुषण से सम्मानित पुज्य दीदी स्व. निर्मला देशपान्डे की 94वी जन्म जयंती 17 अक्टूबर को श्रद्घापुर्वक मनाई गयी l तथा उनके जन्म दिन पर गांधी ग्लोबल फेमिली तथा स्थानीय संस्था गांधी विचार व शांति समिति के द्वारा सर्व सर्व धर्म समभाव पर परिचर्चा का भी आयोजन हुआ l इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डा जाकिर हुसैन कालेज की प्राचार्या श्रीमति निखत मेडम, जीजीएफ जिला इकाई की अध्यक्ष तसनीम मर्चेट, शेख रुस्तम भाई ,तफज्जुल हुसैन मुलायमवाला, सेवानिवृत्त नगर निगम के कमिश्नर श्री रमेश शुक्ला, उपाध्यक्ष सादिक जहाजवाला, बनवारी मेटकर, सचिव आशिष भगत, रियाजुल हक अंसारी, संजयसिह शिन्दे, मोहम्मद मर्चेट, पत्रकार फिरोज भाई, वसीम भाई, मकतुम मिया, दिलीप तायडे आदि ने स्व. निर्मला देशपान्डे के प्रतिमा चित्र पर सुत की माला से माल्यार्पण किया तथा इस अवसर पर सर्वधर्म समभाव पर अपने विचार व्यक्त किये l इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्राचार्य श्रीमति निखत मेडम ने कहा की सभी लोग हर धर्म के लोगो के प्रति आदर की भावना रखे और सभी धर्मावलम्बियो मे भाईचारे की भावना बनी रहे इसके लिए गांधी विनोबा के विचार और सर्व धर्म समानत्व की भावना का विकासआवश्यक हैl शेख रुस्तम ने कहा कि पुज्य निर्मला देशपान्डे का सम्पूर्ण जीवन गांधी विनोबा के आदर्श शान्ति और साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए समर्पित रहा l उन्होने विनोबा जी के साथ 40 हजार किलोमिटर पदयात्रा कर देश मे और विश्व के अनेक देशो मे शान्ति मिशन चलाकर सांप्रदायिक सदभाव व भाईचारे का सन्देश फैलाया इस अवसर पर राष्ट्रिय पत्रकार मोर्चा के प्रदेश सन्घठक व महामन्त्री तफज्जुल हुसैन मुलायमवाला ने पुज्य दीदी निर्मला जी के जीवन और कार्यो पर विस्तार से प्रकाश डाला तथा बताया की भारत पाकिस्तान सहित विश्व के अनेक देशो मे पुज्य दीदी ने अहिंसा का सन्देश फैला कर शान्ति की स्थापना मे महत्वपूर्ण योगदान किया है जिसमें प्रभावित होकर भारत पाक सहित अनेक देशो ने उन्हे अपने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा है l जीजीएफ के जिला सचिव आशिष भगत ने सर्वधर्म समभाव पर अपने उदबोधन मे बताया की गांधी मजबुरी नहीं, मजबुती का नाम है l हिंसा तो मजबुरी है लेकिन अहिन्सा के लिए तो मजबूती ही जरुरी है l इसलिए पुज्य निर्मला जी हमेशा यही कहती रही की मानविय समस्या के हल के लिए गोली नहीं ,बोली की जरूरत है l

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