-0.4 C
New York
Wednesday, December 25, 2024

Buy now

spot_img

नीट पेपर लीक – बेशर्म भ्रष्टाचार – प्रो. डी.के. शर्मा
भारतीय जनमानस की एक बहुत बड़ी कमजोरी है कि वह भ्रष्टाचार की बड़ी से बड़ी घटना से भी उद्वेलित नहीं होता, परेशान होने की बात बहुत दूर। पेपर लीक होना अब हमें परेशान नहीं करता। इसको हमने नियमित होने वाली एक घटना मान लिया है। हम समझते हैं – मानने लगे हैं कि परीक्षा होगी तो पेपर लीक भी होगा। यह समाज की विकृत मानसिकता का बहुत ही अवांछनीय स्वरूप है। कुछ दिनों पूर्व भी नीट की परीक्षा हुई जिसके द्वारा मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश होता है। परंतु जब से नीट प्रारंभ हुई तब से शायद ही कोई वर्ष ऐसा रहा हो जिसमें पेपर लीक नहीं हुआ हो। पेपर लीक किसी एक परीक्षा में और किसी एक राज्य में नहीं होता। सभी राज्यों में पेपर लीक होता है- पुलिसकर्मी भर्ती से लगाकर मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के पेपर लीक करवा लिए जाते हैं। इस वर्ष नीट परीक्षा के पेपर लीक की सम्पूर्ण जानकारी समाचारपत्रों में छप ही चुकी है। हम इस समस्या की बीमारी के घिनोने पक्ष पर विचार करेंगे।
अपनी संतान को डॉक्टर बनाने का सपना देखने वाले माता-पिता की संख्या बहुत अधिक है। इसके लिए वे बच्चों को पढ़ाई के लिए महेंगे कोचिंग इंस्टीट्यूट में भेजते हैं। सभी जानते हैं कि मेडिकल कोचिंग पैसा कमाने का बहुत बड़ा षड्यंत्र हो गया है। बड़े-बड़े सपने दिखाकर अभिभावकों से लाखों रूपए ऐंठ लिए जाते हैं। वे भी अपने बच्चों के भविष्य की खातिर अपनी क्षमता से अधिक पैसा व्यय करते हैं। कई बच्चे अपेक्षा के बोझ को सहन नहीं कर पाते और आत्महत्या कर लेते हैं। राजस्थान का कोटा इसके लिए बदनाम है ही।
हम मध्य प्रदेश वाले नकारात्मक गर्व कर सकते हैं कि हमारे यहां मेडिकल प्रवेश का सबसे बड़ा घौटाला हुआ जो “व्यापमं घौटाले” के नाम से प्रसिद्ध है। इसको उजागर करने का श्रेय रतलाम के प्रसिद्ध शिक्षाविद पारस सकलेचा को जाता है जो उस समय विधायक थे। यह घौटाला वर्ष 2013 में हुआ था। दुर्भाग्य से आज तक इससे जुड़े प्रकरणों का निराकरण नहीं हुआ है। यह हमारी राजनैतिक इच्छाशक्ति और प्रशासनिक कार्यक्षमता का प्रतीक है। यह हमारी न्याय प्रक्रिया पर भी कटाक्ष है। वास्तव में हमारे कानूनों में अपराधियों के लिए बच निकलने के लिए बहुत रास्ते हैं। न्यायालय चाहे तो भी अपराधियों को सजा नहीं मिलती। प्रकरणों के निर्णयों में इतनी देरी हो जाती है कि लोग उसे भूल ही जाते हैं।
जब भी नीट अथवा किसी और अन्य प्रतियोगी परीक्षा में पेपर लीक होता है, तो बयान आता है कि कार्यवाही हो रही है। इक्के-दुक्के लोग पकड़े भी जाते हैं। पुलिस की जांच ही इतना समय ले लेती है कि अपराधियों को समय पर सजा नहीं मिलती। जांच इतनी मुश्किल भी नहीं है। जो व्यक्ति पेपर की गोपनीयता के लिए उत्तरदायी है उन्हें पकड़ा जाना चाहिए। उन से ही पता चल जाएगा कि पेपर उन्होंने किसी-किसी व्यक्ति को दिए और कितने पैसे लिए पर यह कार्यवाही बहुत धीरे चलती है और लोगों को पता नहीं चलता कि क्या हुआ?
वास्तव में शासन, पुलिस, न्यायालय और समाज को इसके मानवीय पक्ष की ओर ध्यान देना चाहिए। पेपर लीक की खबर से जिन असंख्य बच्चों ने ईमानदारी से परीक्षा दी है और उनके माता-पिता पर क्या गुजरती है? इस पर विचार किया जाना चाहिए, परन्तु यह कोई नहीं करता। हमारे यहां की कानून व्यवस्था में मानवीय पक्ष के लिए कोई स्थान नहीं है। असल में हमारी कानून व्यवस्था अंग्रेजों की देन है जिसमें प्रक्रिया बहुत लम्बी होती है और अपराधी को स्वयं को बचाने के लिए बहुत समय मिल जाता है। सभी जानते हैं कि धनबल भी निर्णय प्रक्रिया को बहुत प्रभावित करता है।
पेपर लीक जैसे प्रकरण के लिए विशेष कानून और प्रक्रिया की आवश्यकता है। कानून में कठोरता इतनी होनी चाहिए कि कोई पेपर लीक करने का विचार भी न करें। वर्तमान ढीले-ढाले कानूनों से बेईमान लोगों को सजा नहीं मिलेगी और ईमानदारी से परीक्षा देने वाले दुःखी होकर आत्महत्या करते रहेंगे। परन्तु सबको पता है कि यह नहीं होने वाला है। पेपर लीक होते रहेंगे, ईमानदार विद्यार्थी और उनके माता-पिता दुःखी। उनके दुःख से न समाज जागरूक होता है, न प्रशासन का विवेक जागता है। राजनीति करने वालों की बात करना ही निरर्थक है।
समाज के जागरूक समाजसेवियों को इस अन्याय के विरूद्ध सक्रिय होकर प्रयास करना चाहिए। विद्यार्थी और उनके माता-पिता भी प्रत्येक माध्यम से अपनी नाराजगी व्यक्त करें। ऐसी घटना के विरोध में लाखों विद्यार्थियों को व्हाट्सएप्प व अन्य माध्यम से अपनी नाराजगी व्यक्त करना चाहिए। यदि समाज निष्क्रिय रहा तो पेपर लीक होते रहेंगे, बेईमान भर्ती होते रहेंगे और ईमानदार निराश होकर आत्महत्या करते रहेंगे।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles