*खेती के प्रति समर्पण: सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन ने उज्जवल भविष्य के लिए कृषि की भूमिका पर प्रकाश डाला*

TAFAZZUL HUSAIN MULAYAMWALA

September 2, 2024

ुनेल: दाऊदी बोहरा समाज के धर्मगुरू सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन ने आज पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हसन इब्ने अली की पुण्यतिथि के अवसर पर सुनेल के सैफीपुरा इलाक़े की सैफी मस्जिद में धर्मोपदेश दिया।

सुनेल में 8,500 से अधिक समाज के सदस्यों को संबोधित करते हुए, जिनमें आसपास के कस्बों और गांवों से आए लोग और धर्मोपदेश में भाग लेने विदेश से आए कई लोग भी शामिल थे, सैयदना साहब ने इस क्षेत्र में कृषि के महत्व पर जोर दिया। यहाँ लगभग 60% आबादी है है कृषि गतिविधियों में लगे हुए हैं।

सैयदना ने पैगंबर मोहम्मद और उनके वंशज द्वारा स्थापित उदाहरणों से प्रेरणा लेने आग्रह किया, ओर स्वयं सक्रिय रूप से भाग लेने पर कृषि पद्धतियों को महत्व दिया। उन्होंने स्थानीय समाज के सदस्यों से क्षेत्र में उपलब्ध कृषि योग्य भूमि पर खेती जारी रखने का आग्रह किया, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए समृद्धि और स्थिरता आ सकती है।

उन्होंने कहा कि प्रचुर मात्रा में वर्षा होने के कारण यह क्षेत्र प्राकृतिक रूप से कृषि के लिए उपयुक्त है, और उन्होंने बोहरा समाज के सदस्यों को प्रभावी योजना बनाकर रणनीतियों को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बारिश से बरसे पानी को जल संचयन के माध्यम से जमीन में उतारा जाए।

अंत में, सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन ने कहा कि ज्ञान और बुद्धिमत्ता व्यक्तिगत विकास के लिए उतनी ही आवश्यक है जितनी समृद्ध कृषि भूमि किसी की समृद्धि के लिए है। जिस तरह अच्छी देखभाल वाले खेतों में भरपूर फसलें पैदा होती हैं, उसी तरह ज्ञान और बुद्धिमत्ता की खेती अच्छे चरित्र का पोषण करती है और बेहतर इंसानों के विकास को बढ़ावा देती है।

सैयदना साहब रविवार 1 सितंबर को भवानीमंडी से सुनेल पहुंचे उसी दिन, उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उपस्थित होकर शोभा बड़ाई और मोय्यदपुरा में नव पुनर्निर्मित बद्री मस्जिद का उद्घाटन किया।

सुनेल दौरे के दौरान सैयदना समाज के लोगों से मुलाकात कर उनका हालचाल पूछकर प्रेरक मार्गदर्शन दे रहे है और हैदरी स्कूल में छात्रों और शिक्षकों के साथ जुड़कर, ज्ञान की खोज में उनकी यात्रा में उन्हें सार्थक और परिणाम मूलक कार्य करने की दिशा प्रदान कर रहे है।

सैयदना साहब इस समय राजस्थान के दक्षिणपूर्वी हिस्से में झालावाड़ जिले के कस्बों और गांवों का दौरा कर रहे हैं। 550 से अधिक दाऊदी बोहरा परिवार सुनेल में रहते हैं और ज्यादातर व्यापार और खुदरा व्यवसायों में शामिल हैं।

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