मुंबई से ब्रिटेन और जर्मनी के लिए प्रस्थान पर मुंबई के आईटीसी मराठा होटल में उनसे मिलने का उज्जैन के साथियों के साथ अवसर मिला। उज्जैन के अपनो के साथ मिलकर उनके चेहरे की चमक अद्भुत अप्रतिम थी। माननीय दादा और सीमा भाभी असीमित प्रसन्न थे। जब से मुख्यमंत्री पद संभाला तब से मैं भी अपने इस मिलनसार हंसमुख मित्र से मिलने को लालायित था, ईश्वर ने मेरी मुराद पूरी कर दी। उनकी सुगम, सरल प्रकृति प्रवृत्ति ने भाव विभोर कर दिया।
उज्जैन के मुंबई में रहने वाले उज्जैनियों के स्वागत को सहृदय स्वीकार करने के बाद अनेक सामायिक विषयों पर उनसे चर्चा हुई, उसमें उज्जैन का विकास और उनका प्रयास प्रमुख था, मानों भगवान महाकालेश्वर ने उन्हें उज्जैन को साक्षात स्वर्ग बनाने के लिए धरती पर भेजा है। 1985 से लेकर अब तक के मेरे उनके आत्मिय संबंधो का स्मरण निःसंदेह मेरे लिए एक गुलदान थी।
उज्जैन के ही ग्रामीण क्षेत्र ताजपुर में जन्में कैलाश मकवाना के मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक के रूप मे पद स्थापना से वो बहुत प्रसन्न थे और गौरवान्वित थे। उज्जैन के समग्र विकास की चर्चा पर विस्तार से बातचीत भी चर्चा का विषय था। मेरे साथ उज्जैन के ही श्री केशव राय और फिल्म निर्देशक श्री राजेश राठी चर्चा में सम्मिलित थे।
गोरक्षा और गौमाता के संरक्षण और संवर्धन का विषय भी चर्चा का प्रमुख अंग था। उन्होनें इस मर्म की सुंदर व्याख्या की किस प्रकार गाय विश्व के अनेक देशो की अपेक्षा भारत के जनमानस में अपना अलग और पवित्र स्थान रखती है। उनका मत था कि गाय भारत की आत्मा है, इसलिए हर भारतीय के दिल दिमाग में उसका स्थान सर्वोच्च हैं। उनका उद्देश्य इस कार्य को प्राथमिकता से एक आदर्श के रूप मे संपूर्ण प्रदेश में करना है।
हिंदुस्तान और हिंदुत्व एक दूसरे के पर्याय है, इसलिए हिंदु को भारत और भारतीय संस्कृति से अलग कर के नहीं देखा जा सकता है। जहां हिंदुस्तान है वहां हिंदु है। डाक्टर मोहन यादव के मन मस्तिष्क पर इस अवधारणा को हर भारतीय के दिल में गहरी पैठ बनाने के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कार्य पद्धति पर पूर्णतः समर्थन व समर्पण स्पष्ट दिखाई दिया।
गौरक्षा पर फिल्म निर्देशक श्री राजेश राठी की पटकथा को डाक्टर यादव ने सुना और उस पर मध्यप्रदेश के सहयोग के लिए उन्होनें श्री राठी को आश्वस्त किया। इस मंगलकामना के साथ अपनी बात की पूर्णाहुति करता हूं कि ईश्वर उज्जैन और मध्यप्रदेश के लिए उनके प्रेम को और प्रगाढ़ करे। मध्यप्रदेश के औद्योगिक और व्यावसायिक विकास के लिए विनियोजन को आकर्षित करनें के जिस पवित्र उद्देश्य के लिए हो रही उनकी यात्रा फलीभूत हो। तथास्तु। जयहिंद वंदेमातरम। भारत माता की जय।
- पंडित मुस्तफ़ा आरिफ